Home remedies for constipation in Hindi
कब्ज के लिए घरेलू उपचार काफी प्रभावी हो सकते हैं। यहां कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिनका उपयोग करके आप कब्ज से राहत पा सकते हैं:
1. गर्म पानी पीना: सुबह उठकर गर्म पानी पीने से कब्ज में राहत मिल सकती है। गरम पानी हमारे शरीर को साफ करने के लिए एक प्राकृतिक तरीका है।
2. नींबू पानी: एक गिलास में गर्म पानी करके उसमें थोड़ा नींबू निचोड़कर पीने से हमारी पाचन क्रिया एक्टिव रहती है और कब्ज में आराम मिलता है।
3. खट्टे फल: खट्टे फलों को खाने से पाचन क्रिया मजबूत होती है और शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती है और कब्ज कम होता है।
4. त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण कब्ज को दूर करने का एक प्रमुख घरेलू उपाय है इसे रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ ले इससे आपको कब्ज में आराम मिलेगा।
फाइबर: त्रिफला चूर्ण में काफी अच्छी खासी मात्रा में फाइबर होता है, जो मल की मात्रा में वृद्धि करके कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है।
विटामिन सी: त्रिफला चूर्ण में आंवला होता है इसके अंदर विटामिन सी होता है, जो पाचन और मल त्याग को सुधारने में मदद करता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स: त्रिफला चूर्ण में एंटी ऑक्सीडेंट हमारे शरीर को एनर्जी और सुरक्षा प्रदान करते हैं। और और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कि गैस, अपच आदि को दूर करते हैं
5. घी या तेल: रोजाना एक चम्मच घी या तेल का सेवन करने से पेट नरम अवस्था में रहता है और कभी जैसे समस्या में मदद करता है यह आपके पाचन तंत्र को बढ़ाने में भी सहायता करता है।
- विटामिन ए: घी और तेल के अंदर विटामिन ए की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो आंत्र की सेहत, त्वचा की सुरक्षा और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- विटामिन डी: तेल और घी में विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत करने का काम करते हैं
- ओमेगा-3 ऑयल: तेल के अंदर ओमेगा 3 ऑयल की अच्छी मात्रा होती है, जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने और सूक्ष्मांगी तंत्र की सुरक्षा करने में मदद करते हैं।आयरन: तेल में आयरन की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो हीमोग्लोबिन उत्पादन में मदद करती है और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाती है।
- एंटीऑक्सीडेंट्स: घी और तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को रगड़ने के असामान्य प्रदूषण और रवैये से बचाते हैं।
- पालक (Spinach): विटामिन A, विटामिन C, फोलिक एसिड, फाइबर
- गाजर (Carrot): विटामिन A, विटामिन K, फाइबर
- गोभी (Cauliflower): विटामिन C, विटामिन K, फाइबर
- टमाटर (Tomato): विटामिन C, विटामिन A, लाइकोपीन, फाइबर
- तोरी (Ridge gourd): विटामिन C, फाइबर
- सेब (Apple): फाइबर, पेक्टिन
- केला (Banana): फाइबर, पोटैशियम
- संतरा (Orange): विटामिन C, फाइबर
- अनार (Pomegranate): विटामिन C, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स
- अवोकाडो (Avocado): विटामिन K, फाइबर, हेल्दी फैट्स
- पपीता (Papaya): विटामिन C, विटामिन A, पापैन, फाइबर
- तरबूज (Watermelon): विटामिन C, विटामिन A, पोटैशियम, फाइबर
8. जीरा और सौंफ: जीरा और सौंफ के बीज को पानी में उबालकर उसका पानी पीने से कब्ज में लाभ मिल सकता है।
जीरा:
- आयरन (Iron)
- मैग्नीशियम (Magnesium)
- कैल्शियम (Calcium)
- विटामिन ई (Vitamin E)
- विटामिन C (Vitamin C)
सौंफ:
- फोलिक एसिड (Folic Acid)
- पोटैशियम (Potassium)
- कैल्शियम (Calcium)
- विटामिन सी (Vitamin C)
9. योगासन: कुछ योगासन जैसे पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाना, पाद पाश्चिमोत्तानासन, द्विपाद शीर्षासन आदि कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
10. समय पर शौच करें: समय पर शौच करना कब्ज से बचने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। आदत बनाएं कि आप हर दिन नियमित रूप से शौच करें।
11. तुलसी का रस: तुलसी के पत्तों का रस लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज में आराम मिलता है। रोजाना एक चम्मच तुलसी के रस को गर्म पानी में मिलाकर पीएं।
- विटामिन C (Vitamin C): लगभग 18 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- विटामिन ए (Vitamin A): लगभग 2000 अंतरराष्ट्रीय इकाई (IU) प्रति 100 ग्राम
- विटामिन के (Vitamin K): लगभग 180 मिक्रोग्राम प्रति 100 ग्राम
- आयरन (Iron): लगभग 1.2 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- कैल्शियम (Calcium): लगभग 177 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- मैग्नीशियम (Magnesium): लगभग 64 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- पोटैशियम (Potassium): लगभग 295 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- फाइबर (Fiber): लगभग 1.6 ग्राम प्रति 100 ग्राम
- प्रोटीन (Protein): लगभग 20.9 ग्राम प्रति 100 ग्राम
- विटामिन ई (Vitamin E): लगभग 29.1 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- ऑमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids): लगभग 22.8 ग्राम प्रति 100 ग्राम
- आयरन (Iron): लगभग 7.4 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- मैग्नीशियम (Magnesium): लगभग 392 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- कैल्शियम (Calcium): लगभग 1,235 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम
- फाइबर (Fiber): लगभग 27.3 ग्राम प्रति 100 ग्रा
अजवाइन (जीरा) के पानी में निम्नलिखित पोषक तत्व हो सकते हैं:
- फाइबर (Fiber): अजवाइन में फाइबर मौजूद होता है, जो सही पाचन और पेट स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अजवाइन के प्रति 100 ग्राम में लगभग 39.8 ग्राम फाइबर होता है।
- एक कप पानी को उबालें.
- जब पानी उबलने लगे, उसमें 1 चम्मच अजवाइन डालें.
- अब गैस को धीमी आंच पर रखें और अजवाइन को 5-10 मिनट तक उबालें.
- उबालने के बाद, पानी को ठंडा होने दें और इसे छान लें.
- अजवाइन का पानी खाली पेट पीने के लिए तैयार है।
- आप दिन में 1-2 कप अजवाइन के पानी का सेवन कर सकते हैं। यह पानी पेट स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और कब्ज को दूर करने में सहायक हो सकता है। ध्यान दें कि यदि आपकी किसी खास मेडिकल स्थिति है या आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो आपको पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
दही (योगर्ट) में निम्नलिखित पोषक तत्व हो सकते हैं:
- प्रोबायोटिक्स: दही में प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्स आपके आंत में अच्छी बैक्टीरिया की वृद्धि करते हैं और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
- एक कटोरी या एक कप दही लें.
- इसे सामान्य रूप से खाने के साथ या सब्जी के साथ सेवन करें.
- आप दिन में एक से दो कटोरी दही का सेवन कर सकते हैं।
- दही पेट स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है और कब्ज को दूर करने में सहायक हो सकती है। इसके अलावा, दही आपके पाचन को सुधारने और आंत के स्वस्थ बैक्टीरिया की वृद्धि करने में भी मदद कर सकती है।
15. अदरक: अदरक को पीसकर एक चम्मच ले और इसे गर्म पानी में मिलाकर पीने से कब्ज से आराम मिलता है।
अदरक (गिंगर) में निम्नलिखित पोषक तत्व हो सकते हैं:
- फाइबर: अदरक में फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है। फाइबर खाद्यानुभव को अच्छा बनाता है और कब्ज को कम करने में सहायक हो सकता है।
- विटामिन C: अदरक में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है, जो आंतिक्रियाओं को सुधारने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- एक छोटी टुकड़ी अदरक को छीलकर और कटलें।
- आप इसे खाने के साथ या उपयोग करने वाले व्यंजन में शामिल कर सकते हैं। आप अदरक को चाय में डालकर या सब्जियों में उपयोग करके इसका लाभ ले सकते हैं।
- दिन में आप एक या दो छोटे टुकड़े अदरक का सेवन कर सकते हैं।
- ध्यान दें कि यदि आपकी किसी खास मेडिकल स्थिति है या आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो आपको पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
बादाम तेल में निम्नलिखित पोषक तत्व हो सकते हैं:
- आर्गनिन: बादाम तेल में आर्गनिन नामक एक आमिनो एसिड होता है, जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और कब्ज को कम करने में सहायक हो सकता है।
- विटामिन E: बादाम तेल में विटामिन E की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सुधारने और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है।
- फाइबर: बादाम तेल के अंदर फाइबर की मात्रा होती है। जो कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है।
- आप रोजाना 1-2 चम्मच बादाम तेल को सीधे खा सकते हैं।
- आप इसे खाने के साथ या अन्य भोजन के साथ मिश्रित करके ले सकते हैं।
- अगर आप बादाम तेल को उपयोग करना चाहते हैं, तो आप इसे सलाद ड्रेसिंग में, सूप में या व्यंजनों में उपयोग कर सकते हैं।
ताजी हरी सब्जियों और पत्तियाँ काफी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और कब्ज को कम करने में मदद कर सकती हैं। ये पत्तियाँ फाइबर, विटामिन C, विटामिन K, और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व प्रदान करती हैं।
ताजी हरी पत्तियाँ के सेवन के लिए, आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- आप रोजाना 1-2 कप ताजी हरी पत्तियाँ खा सकते हैं।
- आप इसे सलाद, सब्जी, सूप या स्मूदी के रूप में शामिल कर सकते हैं।
- ताजी हरी पत्तियों की चटनी बनाएं।
- ताजी हरी पत्तियों की चाय बनाएं।
- ताजी हरी पत्तियों को सैंडविच, रोल, या फ्रेंच टोस्ट में शामिल करें।
- अदरक-लहसुन का रस कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, और आंशिक विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है।
एक छोटी अदरक की रेखा और दो कलियों के लहसुन का रस निकालें।
इसे सुबह खाली पेट लें, या फिर आप इसे रोजाना किसी खाने के पहले कुछ समय पहले ले सकते हैं।
आप इसे एक गिलास गर्म पानी के साथ मिलाकर पिएं, या फिर आप इसे जूस, शरबत, या चटनी के रूप में शामिल कर सकते हैं।
19. मेथी दाना: एक चम्मच मेथी दाना को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं। यह पाचन को नर्म बनाता है और कब्ज से राहत मिलती है।
- मेथी दाना कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है और कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें फाइबर, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन K, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और फोलिक एसिड शामिल होते हैं।
मेथी दाना सेवन करने के लिए, आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- आप रोजाना 1 चम्मच मेथी दाना रात को सोते समय एक कप पानी में भिगो दें।
- अगले दिन सुबह इसे खाली पेट पी जाएं।
- आप इसे प्राकृतिक रूप से चबा-चबाकर भी खा सकते हैं, या फिर आप इसे ताजे सलाद, सब्जी, या सूप में शामिल कर सकते हैं।
- मेथी दाना की उपयुक्त मात्रा आपके आयु, स्वास्थ्य स्थिति और डॉक्टर द्वारा सिफारिशित मात्रा पर निर्भर करेगी। सामान्यतः, रोजाना 1-2 चम्मच मेथी दाना सेवन किया जा सकता है। हालांकि, अधिक मात्रा में सेवन करने से पाचन तंत्र में समस्या हो सकती है, इसलिए संज्ञानशीलता बरतें और अपने चिकित्सक की सलाह लें।
- जूस पीना एक अच्छा तरीका हो सकता है जब आप कब्ज को कम करने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करना चाहते हैं। जूस आपको तत्वों की समृद्ध स्त्रोत प्रदान करता है जैसे कि फाइबर, पानी, विटामिन C, और अन्य पोषक तत्व
आप निम्नलिखित जूस को आपके खाने में शामिल कर सकते हैं जो कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है:
- सेब का जूस: दिन में 1-2 सेबों का जूस पी सकते हैं। सेब फाइबर से भरपूर होता है और पाचन को सुधारने में मदद करता है।
- संतरे का जूस: रोजाना एक ग्लास संतरे का जूस पी सकते हैं। संतरा विटामिन C का अच्छा स्रोत है और अपच और कब्ज को कम करने में मदद करता है।
- नींबू पानी: गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर पी सकते हैं। नींबू पानी पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और कब्ज को कम कर सकता है।
- घी: घी में विटामिन A, विटामिन E, और दूध के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं और मल के आसानी से निकलने में मदद करते हैं। आप दिन में 1-2 चम्मच घी का सेवन कर सकते हैं।
- शहद: शहद एक प्राकृतिक आपूर्ति है जो आपके पाचन को सुधारने में मदद कर सकती है। आप दिन में 1-2 चम्मच शहद का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी पेट स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा और कब्ज को कम कर सकेगा।
याद रखें कि हर व्यक्ति का शरीर और आवश्यकताएं अलग होती हैं, इसलिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, डॉक्टर द्वारा सिफारिशित मात्रा, और अन्य परिस्थितियाँ को ध्यान में रखते हुए घी और शहद की मात्रा को निर्धारित करना चाहिए।
- गर्म दूध में पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D और विटामिन B12 होते हैं जो कब्ज को कम करने में मदद कर सकते हैं। यहां गर्म दूध की मात्रा दी गई है:
- गर्म दूध: 1 कप (प्राथमिकता के अनुसार)
- आप दिन में एक बार गर्म दूध पी सकते हैं। यदि आपको दूध से संबंधित किसी भी एलर्जी या परहेज हो तो इसे उपयुक्त वैद्यकीय सलाह के आधार पर सेवन करें।
कृपया ध्यान दें कि यह सामग्री आपके स्वास्थ्य स्थिति, पूर्व रोगों और आहार पर निर्भर करेगी, इसलिए यदि आपको किसी विशेष सलाह की आवश्यकता हो, तो एक पौष्टिक चिकित्सक से परामर्श करें।
23. अदरकी पानी: एक छोटी अदरकी को पानी में उबालें और इसे ठंडा करके पीएं। यह पाचन को कार्यशील बनाता है जिससे कब्ज से आराम मिलता है।24. प्राकृतिक लक्षण को जानें: अपने शरीर के प्राकृतिक लक्षणों को ध्यान में रखें और उन्हें समय पर पहचानें। जब आपको पेट में अपने आप को गुब्बारे की तरह फूलने का अनुभव हो तब शौच के लिए जाएं।
25. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना पाचन को कार्यशील बनाता है और कब्ज से निजात दिलाता है। योगासन और पेट के मस्से मजबूत करने वाले व्यायाम जैसे कि पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तासन, हलासन, और धनुरासन आदि करने से भी लाभ मिल सकता है।
26. पानी पीना: दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आपके पाचन को सुचारू रूप से कार्यशील बनाए रखता है और कब्ज से राहत मिलती है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने का प्रयास करें।
27. खाद्य तत्वों का संतुलित सेवन: अपने आहार में फाइबर समृद्ध खाने को शामिल करें। फल, सब्जियां, अनाज, दालें, और प्राकृतिक अनाजों का सेवन करने से पाचन क्रिया सुचारू रूप से कार्यशील होती है और कब्ज से राहत मिलती है।
28. सुन्दरी और अम्बा बीज: सुन्दरी और अम्बा बीज को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं। इससे पाचन क्रिया सुचारू रूप से कार्यशील होती है और कब्ज से राहत मिलती है।
29. ताजा नारियल पानी: रोजाना ताजा नारियल पानी पीने से पाचन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और कब्ज से राहत मिलती है।
ताजा नारियल पानी में निम्नलिखित पोषक तत्व मौजूद होते हैं:
- विटामिन सी
- विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स (बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी9)
- विटामिन ई
- एलेक्ट्रोलाइट्स (पोटेशियम, नाइट्रोजन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फेट)
- फाइबर
- अंशिक रूप से त्रास
- खनिज (जैसे कि आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस)
दालचीनी पाउडर पोषक तत्व
- मैंगनीज (मैग्नीजियम)
- कैल्शियम
- आयरन
- फाइबर
- विटामिन क (का स्पर्श हो सकता है)
- विटामिन ए (अल्पता हो सकती है)
दालचीनी पाउडर की मात्रा आपके व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर निर्भर करेगी और आपके डॉक्टर द्वारा अनुशंसित मात्रा का पालन करना महत्वपूर्ण होगा। सामान्यतः, दिन में 1/2 चम्मच से 1 चम्मच दालचीनी पाउडर उपयोग किया जा सकता है।
31. अजवाइन का पानी: रात को एक चम्मच अजवाइन को पानी में भिगोकर, उसे सुबह चानकर खाली पेट पीएं। यह पाचन को सुचारू रूप से कार्यशील बनाता है और कब्ज से आराम मिलता है।
- विटामिन C: अजवाइन के अंदर विटामिन C मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- फाइबर: अजवाइन में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है और कब्ज से राहत दिलाती है।
- एंटीऑक्सीडेंट: अजवाइन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रदान कर सकते हैं, जो पेट के संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: अजवाइन में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कब्ज के लिए उपयोगी हो सकते हैं, क्योंकि यह पेट में सूजन को कम कर सकते हैं।
- फाइबर: पपीते में अच्छी मात्रा में फाइबर होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और नियमित मल निकासी को प्रोत्साहित करती है।
- पेपैन: पपीते में पेपैन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो प्रोटीन को ट्रांसफॉर्म करने में मदद करता है और पाचन को सुधारता है।
- विटामिन C: पपीते में विटामिन C की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो पाचन प्रणाली को सुधारने में मदद करता है और मल निकासी को बेहतर बनाता है।
- आंजीम: पपीते में आंजीम का प्राकृतिक स्रोत होता है, जो खाद्य पदार्थों को पाचन करने में मदद करता है और कब्ज से राहत दिलाता है।
- ग्लाब्रिडिन: मुलेठी में ग्लाब्रिडिन नामक एक औषधीय मात्रा पाई जाती है, जो पेट की एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकती है और पाचन को सुधारती है।
- आंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: मुलेठी में आंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट में सूजन को कम कर सकते हैं और पाचन को सुधार सकते हैं।
- लैक्टोफेरिन: मुलेठी में लैक्टोफेरिन नामक एक प्रोटीन पाया जाता है, जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और मल निकासी को बेहतर बना सकता है।
- फाइबर: मुलेठी में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो मल निकासी को प्रोत्साहित कर सकती है और कब्ज से राहत दिला सकती है।
- फाइबर: गुड़ में अच्छी मात्रा में फाइबर होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और मल निकासी को बेहतर बनाती है
- विटामिन और मिनरल: गुड़ में विटामिन C, विटामिन B6, फोलिक एसिड, कैल्शियम, पोटैशियम, आदि के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं और पेट को स्वस्थ रखने में सहायता प्रदान कर सकते हैं।
- आंटीऑक्सीडेंट्स: गुड़ में आंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पेट के संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
- प्रोबायोटिक्स: गुड़ में प्रोबायोटिक्स (योगर्ट रस) होते हैं, जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं और पाचन को स्वस्थ रखने में सहायता प्रदान कर सकते हैं
- एंटिबैक्टीरियल गुण: तुलसी में पाए जाने वाले एंटिबैक्टीरियल गुण पेट में मौजूद बैक्टीरिया को कम कर सकते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट में सूजन को कम करने में मदद करते हैं और पाचन को सुधारते हैं।
- एंटीऑक्सीडेंट्स: तुलसी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के अंदर के कणों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं और पाचन को सुधारते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: सौंफ में प्रचुर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट की सूजन को कम कर सकते हैं और पाचन को सुधारते हैं।
- एंटिसेप्टिक गुण: सौंफ में एंटिसेप्टिक गुण होते हैं, जो पेट में मौजूद बैक्टीरिया को कम कर सकते हैं और पाचन को सुधारते हैं।
- आंटीऑक्सीडेंट्स: सौंफ में पाए जाने वाले आंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को मुक्त कर सकते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं।
कब्ज के 35+ घरेलु इलाज, कृपया ध्यान दें कि यदि कब्ज की समस्या बहुत ज्यादा है और घरेलू उपायों से आराम नहीं मिल रहा है, तो आपको चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। वे आपको सही और उचित इलाज के बारे में बता सकेंगे।
कब्ज के 35+ घरेलु इलाज (Home remedies for constipation in Hindi), ये थे कुछ और घरेलू उपचार जो कब्ज से राहत प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान दें कि ये उपचार आमतौर पर निम्न स्तर के कब्ज के लिए हैं। अगर आपकी समस्या गंभीर है या आपको लंबे समय से कब्ज की समस्या है, तो आपको एक पेशेवर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।