food poisoning kya hai | लक्षण, कारण, जोखिम, कॉम्प्लीकेशन्स, रोक-थाम

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food poisoning kya hai | लक्षण, कारण, जोखिम, कॉम्प्लीकेशन्स, रोक-थाम



दूषित या ख़राब भोजन खाने से होने वाली बीमारी फ़ूड पॉइज़निंग, जिसका दूसरा नाम फ़ूड बोर्न illness है, जिस भोजन में दूषित संक्रामक जीव - जिनमें बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी शामिल होते हैं, अपनी मौजूदगी से भोजन को दूषित  करते है जिससे फ़ूड पॉइज़निंग की समस्या पैदा हो जाती है। 

संक्रामक जीव हमारे भोजन को कही भी दूषित कर सकते है ये जिव कोई भी हो सकते है जैसे मक्खी, मच्छर इत्यादि, जिनका ठिकाना कही भी हो सकता है ये साथ बैक्ट्रिया, कीटाणु अपने साथ लाते है और फिर हमारे भोजन को ख़राब कर देते है। 

दूषित भोजन से हुई फ़ूड पॉइज़निंग के लक्षण कुछ ही घंटो में दिखाई देने लग जाते है, इनमे दस्त लगना, उल्टी आना शामिल होते है। भोजन द्वारा होने वाली पॉइज़निंग ज्यादा प्रॉब्लम नहीं देती, ये बिना दवाई के कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। अगर आपकी उम्र ज्यादा है और आपको काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो जरूर अपने डॉक्टर को दिखाए।    

लक्षण

ज्यादा तर फ़ूड पॉइज़निंग से होने वाले लक्षण आम होते है जो नीचे दिए गई  लिस्ट में है। 

  • मतली
  • उल्टी
  • पानीदार या खूनी दस्त
  • पेट दर्द और ऐंठन
  • बुखार

दूषित भोजन खाने के कुछ समय या घंटो बाद ही फ़ूड पॉइज़निंग के लक्षण दिखना चालू हो जाता है ये बीमारी कुछ कुछ दिन या एक हफ्ते तक रह सकती है। 

डॉक्टर को कब दिखाना है

  •  बार-बार उल्टी लगना और दस्त का आना 
  • खूनी उल्टी या मल का आना 
  • तीन दिनों से ज्यादा दस्त का आना 
  • चोट में ऐठन या पेट में अधिक दर्द का होना 
  • 100.4 F (38 C) से ज्यादा तापमान का बढ़ना 
  • पानी की कमी होना, पेशाब न आना, गंभीर कमजोरी, हल्कापन, चक्कर आना 
  • मांसपेशियों में दर्द, झुनझुनी फील होना, ठीक से दिखाई न देना 

कारण

भोजन का दूषित होना किसी भी पॉइंट पर हो सकता है उगने से लेकर घर में इस्तेमाल करने तक, ज्यादा तर भोजन का दूषित होने का कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में होता है, जिन भोजन को पकाया नहीं जाता जैसे सलाद, उनसे बीमारी का कारण बन सकता है , इसलिए इनको अच्छे से नमक वाले पानी में धोए। 

जोखिम

दूषित भोजन खाने से आप बीमार होते है या नहीं ये आपकी सेहत और उम्र पर निर्भर करता है अगर आपकी सेहत अच्छी है और आपकी इम्युनिटी भी काफी मजबूत है तो आपके बीमार होने का खतरा काफी कम है। पर अगर आप कमजोर है या आपकी उम्र काफी ज्यादा है तो आपके बीमार होने के चांस काफी ज्यादा है। उम्र बढ़ने के साथ साथ इम्युनिटी शक्ति भी कमजोर होती जाती है जिससे जल्दी बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।  

गर्भावस्था के दौरान आपकी इम्युनिटी कमजोर हो सकती है इस अवस्था में शरीर में कमजोरी काफी ज्यादा होती है इसलिए एक प्रेग्नेंट महिला का बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है. 

छोटे बच्चो के लिए बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है क्योकि उनका  प्रतिरक्षा प्रणाली अभी इतनी मजबूत नहीं होती के वे दूषित बैक्ट्रिया से लड़ सके। 

पुरानी बीमारी जैसे शुगर, डाइबिटीस, दिल की बीमारी से पीड़ित लोग जिनका इम्युनिटी सिस्टिम काफी कमजोर होता है, उनको बिमारी का खतरा ज्यादा होता है 

कॉम्प्लीकेशन्स 

फ़ूड पॉइज़निंग से होने वाली सबसे बड़ी और गंभीर समस्या पानी की कमी हो जाना है और भोजन का नुक्सान।  शरीर से पानी की कमी को पूरा करने के लिए लगातार पानी पिते रहे जिससे पानी की कमी से शरीर में कमजोरी  न हो सके।    

छोटे बच्चे, या बुजुर्ग और पुरानी बीमारियों से झुज रहे लोगो को फ़ूड पॉइज़निंग का ज्यादा खतरा हो सकती है क्योकि कमजोर इम्युनिटी के कारण बीमारी के बढ़ने के चांस बढ़ते है। और पानी की कमी से तबियत ज्यादा ख़राब हो सकती है। ऐसे समय पर हॉस्पिटल में भर्ती करना जरुरी होता है। 

कुछ प्रकार के food poisoning में कुछ लोगों के लिए गंभीर समस्या होती हैं। जैसे :-

listeria infection - लिस्टेरिया फूड पॉइजनिंग वाली समस्या काफी गंभीर होती है।  प्रेग्नेंट ,अहिला के लिए इसका खतरा ज्यादा होता है संक्रमण होने से गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है, लिस्टेरिया संक्रमण होने से मृत जन्म हो सकता है  लिस्टेरिया संक्रमण से होने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। 

Escherichia coli (ई कोलाई) - ये बीमारी आपकी किडनी को नुक्सान पंहुचा सकती है ये किडनी की रक्त वाहिकाओं के अस्तर को गंभीर नुक्सान पंहुचा सकती है। जिससे किडनी ख़राब होने का खतरा बढ़ जाता है 

 रोक-थाम (food poisoning prevention)

घर पर फ़ूड पॉइज़निंग को रोकने के लिए:

भोजन को बनाने से पहले अच्छे से नमक के पानी में धोए और बर्तन को भी अच्छे से साफ़ करे और भोजन खाने से पहले अपने हातो को अच्छे से साबुन के पानी से धोए। 

कच्चे भोजन को पके हुए भोजन से दूर रखे, बहार से लाए हुए खाद्य पर्दार्थ जैसे - सलाद, मांस, सब्जी इत्यादि को बने हुए खाने से अलग रखे। 


खाने को सही तापमान पर बनाए जिससे दूषित बैक्टीरया मर सके।  खाना बनाने के लिए सुरक्षित तापमान सेट करे जिससे कीटाणु भी मर जाए और खाना भी न जले।  

 चिकन - 165 F(73.9 C)

ग्राउंड बीफ - 160 F (71.1 C)

सूअर - 145 F (62.8 C)

जल्दी ख़राब होने वाले खाद्य पर्दार्थ को फ्रीज़ में रखे। जैसे फल - सेब, आम, केला, चीकू, सब्जी - टमाटर, गोभी, बेंगन, लोकि इत्यादि। 

भोजन को फ्रीज़ से निकलने के बाद थोड़ी देर बहार रखे और भोजन को नार्मल होने के बाद चेक करे के वो खाने लायक है या नहीं अगर आपको थोड़ा सा भी शक है के भोजन ख़राब है तो उसको ना खाए तुरंत बाहर फेक दे।  

जिन लोगो की इम्युनिटी सिस्टिम कमजोर है उन लोगो के लिए फ़ूड पोइज़निंग जानलेवा हो सकती है.इसलिए इन लोगो को साधा खाना खाने की ही जरुरत है। और बीमार होने पर डॉटर से इलाज कराना जरुरी है। 



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