एक गांव में एक लड़का रहता था वो अपनी बीती बुरी यादों को भूल नहीं पा रहा था और हर वक्त उसी चीज के बारे में सोचता रहता। वो अपनी बार बार सोचने की आदत से परेशान हो गया था। उसे थोड़ा सा कोई कुछ कह देता था या फिर उसके साथ कुछ थोड़ा सा गलत हो जाता। तो वो बस उसी बात में अटक के रह जाता था और उस एक घटना के बारे में पूरे दिन सोचता रहता। वही बात उसके दिमाग में हर वक्त घूमती रहती। खुद के साथ हुई किसी बुरी घटना के लिए अपनी किस्मत और भगवान को कोसता रहता, या फिर अपने मन में उस इंसान से बदला लेने के लिए खयाली पुलाव बनाता रहता, अगर कोई उसे कुछ कहे देता था तो उसे लगता था के उसके साथ किसी ने कुछ गलत किया है, आपनी इस ज्यादा सोचने की आदत से वो परेशां था और इसकी वजह से लोगों के साथ उसके अच्छे रिश्ते नहीं बन पाते थे. और ना ही वो कोई काम अच्छे से कर पाता था। वो हर वक्त मानसिक अशांति की स्थिति में ही रहता था। उसकी ऐसी हालत को देखकर उसके एक दोस्त ने उसे सलाह दी, कि यहां पास के ही एक बुद्ध का आश्रम है, वह पर एक जैन मास्टर रहते है। एक बार तुम उन के पास जाओ, वो तुम्हारी इस मानसिक समस्या का कोई न कोई समाधान जरूर बताएंगे। वह लड़का, जिन मास्टर के पास गया। और अपनी समस्या उन्हें बताई , की कैसे वो एक ही घटना के बारे में लगातार सोचता ही रहता है । और पुरानी बुरी बातों को भी भूल नहीं पाता। लड़के की इस समस्या को सुनने के बाद जिन मास्टर वहाँ से उठकर आश्रम के अंदर चले चले गए , जैन मास्टर का बिना कुछ कहे इस तरह चले जाना, लड़के को कुछ अजीब सा लगा। लेकिन वो फिर भी बैठा रहा। थोड़ी देर बाद जैन मास्टर बहार आए उनके हाथ में मिट्टी का एक गिलास था जिसमे पानी भरा था उन्होंने उस गिलास को उस लड़के को दिया और उससे पूछा के इसका वजन कितना होगा? लड़के ने कहा, मैं एकदम सही तो नहीं बता सकता लेकिन इस ग्लास का वजन बहुत ही कम है। अब जैन मास्टर ने कहा के अगर तुम इस गिलास को थोड़ी देर तक ऐसे ही पकड़कर रखोगे तो क्या होगा? लड़के ने कहा कुछ भी नहीं। जेन मास्टर ने फिर पूछा अगर तुम इस ग्लास को इसी तरह 1 घंटे तक पकड़कर रखो तो क्या होगा? इससे तो मेरे हाथ में दर्द होना शुरू हो जाए। जैन मास्टर ने एक बार फिर से उस लड़के से पूछा के अगर तुम इस क्लास को पूरा एक दिन ऐसे ही पकड़ कर रखो गए तो क्या होगा ? लड़के ने कहा मेरे हाथ में भरी तनाव आ जाएगा और बहुत ही भयंकर दर्द होना शुरू हो जाएगा । और यहाँ तक कि हाथों को लकवा भी मार सकता। तभी जैन मास्टर ने उसे बड़े ही गंभीरता से कहा बहुत बढ़ियाँ लेकिन क्या इसकी वजह से गिलास का वजन बदला ? लड़के ने कहा नहीं वजन तो उतना ही है ? कुछ देर तक गिलास को पकड़ने के बाद लड़के के हाट में दर्द होना शुरू हो गया तो जेन मास्टर ने उससे कहा के अब इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए तुम क्या करोगे ? लड़के ने कहा में गिलास छोड़ दूंगा जैन मास्टर ने कहा बिल्कुल सही। बेटा जीवन की परेशानियां भी कुछ इसी तरह से आती है। इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखने से लगेगा कि सब कुछ ठीक है कोई दिक्कत वाली बात नहीं पर उसको ज्यादा वक्त तक दिमाग में रखने से तुमको तनाव होना शुरू हो जाएगा। और ज्यादा लम्बे समय तक रखने पर वह तुम्हे पागल बना देगा गे और तुम कुछ भी नहीं कर पाओगे। जेन मास्टर ने कहा के तुम अपने जीवन की पिछली गलती और घटनाओं के बारे में सोचना जरूरी समझते हो, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है उनसे सीखकर आगे कैसे बढ़ा जाये। अगर तुम एक ही बात को पकड़कर बैठे रहोगे। ठीक उस क्लास की तरह तो भी तुम्हारे जीवन में दर्द पैदा कर देगा। अगर तुम आज अपने अतीत के बारे में सोच रहे हो। तो वर्त्तमान तुम्हारे हाथ से निकल जायेगा। और तुम कभी भी उसके लिए पश्ताप नहीं कर सकते और ना ही उसको समझ कर बेहतर इंसान बन सकते हो तुम आज से ही ऐसा इंसान बनने का प्रयास करो और कोशिश करो कि बीती गलतियों को दोबारा ना दोहराव, जिसके बाद तुम्हे भविष्य में पछताना ना पड़े इसलिए चिंता करना बंद करो और अपने आज के कर्मों पर ध्यान दें, क्योंकि चिंता व्यक्ति को चिता की तरफ ले जाती है।
Buddhists Story: जो मन के खेल को को जान गया वो तनाव से बच गया | Inspirational Story in Hindi
अगस्त 24, 2023
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ज्यादा सोचना छोड़ो
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