बैले शिक्षक ने बताया था के स्ट्रेच से अच्छे प्रभाव के लिए आपको 17 सेकंड तक होल्ड करना चाहिए, 17 सेकंड से कम होल्ड करने पर स्ट्रेचिंग का ज्यादा प्रभाव नहीं होता है।
स्ट्रेचिंग करने का फायदा ये है के ये आपके शरीर को नुक्सान नहीं पहुँचता। वार्ना बहुत से लोग बॉडी के चककर में काफी ज्यादा वजन उठा लेते है। जिससे उनके शरीर में दिक्कत आ जाती है, लिमिट से ज्यादा वजन उठाना भारी पड़ सकता है. इसलिए आप अगर शुरुआत कर रहे है तो आपको स्ट्रेचिंग से ही शुरुआत करनी चाहिए।
Stretching के फायदे
बॉडी पोस्चर में सुधार होता है।
बॉडी का पोस्चर ठीक होता है, कमर में होने वाला दर्द कम होता है, रिड की हड्डी का पोस्चर बेहतर होता है. स्ट्रेच करने से आपकी बॉडी फ्लेक्सिबल बनती है, अगर यहां पर GYM की बात की जाए तो स्ट्रेच GYM से बेहतर विकल्प है जिसमे आपको बिना वजन उठाए अपनी हेल्थ को अच्छा कर सकते है। स्ट्रेचिंग से बॉडी का बैलेंस बना रहता है। आपका भोजन पुरे शरीर में लगता है।
चलने फिरने की क्षमता बढ़ जाती है।
चलने फिरने की पावर को बड़ा देता है, चलने से होने वाली समस्या को रोकता है. हात और पैर के जोड़ो के दर्द को कम करता है। ब्लड का संचार को ठीक करने के लिए स्ट्रेच एक अच्छा वर्कआउट है इससे आपकी बॉडी को ज्यादा थकावट भी नहीं होती है. और आपको अच्छा फील होता है और ब्लड का संचार ठीक होने से दिमाग भी तेज होता है। अगर आप दिमाग की क्षमता को बढ़ाना चाहते है तो स्ट्रेच करना अच्छा विचार है।
कमर के दर्द को ठीक करता है।
अगर आपको कमर का दर्द परेशान करता है तो स्ट्रेचिंग से कमर दर्द कम हो जायेगा और स्ट्रेच से बॉडी में ज्यादा थकावट नही होती। GYM करना सही है पर उससे आपके शरीर को उतना ही आराम चाहिए होता है। पर अगर आप कही काम करते है और आपके पास आराम करने का इतना टाइम नहीं है तो आपको स्ट्रेचिंग ही करनी चाहिए, जिससे आपको ज्यादा थकावट भी नहीं होगी और एनर्जी भी बनी रहेगी।
चोट लगने का खतरा नहीं होता।
स्ट्रेचिंग एक सिंपल एक्टिविटी है जिसको आप थोड़ी सी जगह पर बैठकर या खड़े होकर कर सकते है इसके लिए आपको ज्यादा भाग दौड़ करने की जरुरत नहीं है , इसमें आपको ज्यादा वजन उठाने की भी जरुरत नहीं। जिसमे आपको चोट लगने का खतरा नहीं होता।
मासपेशियो का दर्द कम करता है।
स्ट्रेचिंग से मासपेशियो का दर्द कम होता है, शरीर में ताकत बानी रहती है ,स्ट्रेचिंग से ब्लड की सप्लाई अच्छी हो जाती है जिससे ब्लड मास्सपेशियो में पहुँचता है जो दर्द कम हो जाता है।