ये है दुनिया की सबसे जहरीली गैस | most harmful gas in the world

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ये है दुनिया की सबसे जहरीली गैस

क्या आप जानते है दुनिया की सबसे ज्यादा जहरीली गैस किसको बोलै जाता है. और ये हमारे लिए कितनी नुक्सान देह होती है, आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे के दुनिया की सबसे जहरीली और हार्मफुल गैस कौनसी होती है, अगर हम बात करे के इन गैस को जहरीली क्यों बोला जाता है तो ये  गैस बाकी गैसों के मुकाबले इंसान के शरीर को बहुत ज्यादा नुक्सान पहुंचा सकती है. ये गैस हमारे फेफड़ो को ख़राब कर सकती है और हमे अस्थमा का मरीज बना सकती है, जहरीली का मतलब है के इन गैसों को हमारा शरीर ज्यादा समय तक झेल नहीं सकता, शरीर में प्रवेश करते ही हमें साँस लेने में तकलीफ होनी शुरू हो जाती है। 

इन गैसों की मात्रा वातावरण में बहुत कम है, इनका इस्तेमाल सिर्फ कुछ ही जगह पर किया जाता है. दुनिया में अभी इन गैसों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता, हम जो वाहन का ईंधन इस्तेमाल करते है वो कार्बन डाइऑक्साइड गैस को पैदा करता है जो इन गैसों से कम नुकसान दय होती है। 

जहरीली गैस     

Carbon monoxide

कार्बन मोनोऑक्साइड (केमिकल फार्मूला CO) एक ज्वलनशील गैस है जिसका ना कोई रंग होता है और ना ही स्वाद, ये गैस हवा के मुकाबले थोड़ी हल्की होती है. ये गैस एक कार्बन और एक ऑक्सीजन परमाणु से बनती है, ये सबसे सिंपल अणु है, कार्बन मोनोऑक्साइड. ये गैस बहुत ज्यादा नुक्सान देह होती है. इस गैस को दुनिया की सबसे जहरीली गैस भी बोलै जाता है. ये इंसान के फेफड़ो को ख़राब कर सकती है, हालांकि इस गैस की उपस्थिति ज्यादा नहीं है हवा में, क्योकि हम जो ईंधन इस्तेमाल करते है उससे कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है ना की कार्बन मोनोऑक्साइड, इसलिए इसकी मात्रा ज्यादा नहीं है हवा में, पर अगर हम वो ईंधन इस्तेमाल करना शुरू कर दे जो कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा करते है तो हमारे लिए जीना मुश्किल हो जाऐगा। 

कार्बन मोनोऑक्साइड का सबसे आम स्त्रोत थर्मल दहन है. और इसके  आलावा भी बहुत से स्त्रोत है जो CO को उत्पन करते है, जैसे हाइड्रोजन ईंधन का दहन भी कार्बन मोनोऑक्साइड का कारण बनता है, दुनिया की अंतरिक्ष संस्था, रॉकेट को स्पेस में ले जाने के लिए हाइड्रोजन ईंधन का इस्तेमाल करती है, पर इससे होने वाला प्रदूषण वातावरण को दूषित करता है।  

कार्बन मोनोऑक्साइड हेमोग्लोबिन के साथ आसानी से मिलकर कार्बोक्सीहेमोग्लोबीने को पैदा करता है जिससे शरीर में गैस एक्सचेंज को प्रभावित करता है, जो शरीर के लिए बहुत ही जहरीला साबित हो सकता है। 

Chlorine

क्लोरीन (Cl) का परमाणु संख्या 17 है और ये रासायनिक तत्त्व में से दूसरा सबसे हल्का तत्व है, क्लोरीन रूम के  तापमान पर एक पिले रंग की गैस है, जिसको सबसे ज्यादा जहरीली गैसो में से एक माना जाता है. इस गैस से इंसान बेहोश हो सकता है, क्लोरीन का इस्तेमाल हमारे घरो में भी होता है पर कम मात्रा में, पर कभी कभी इसका इस्तेमाल हतियार के रूम में भी किया जाता है, अगर आप कभी क्लोरीन के संपर्क में आते है तो आपको सांस की समस्या हो सकती है, ये आपकी साँस के द्वारा आपके फेफड़ो को जाम कर सकती है। 

क्लोरीन गैस से हमे स्किन अलेर्जी की समस्या भी होती है, क्लोरीन गैस ऑक्सीजन से भरी होती है इसलिए ये हमारे फेफड़ो को ब्लॉक कर सकती है, वैसे बहुत सी इंडस्ट्री क्लोरीन का इस्तेमाल बैट्रिआ को मारने के लिए करती है, जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करना घातक हो सकता है,   

Nitrogen dioxide

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जो एक केमिकल प्रदार्थ है किसका केमिकल फार्मूला NO2 है। यह एक लाल भूरे रंग की गैस होती है, इसका इस्तेमाल ज्यादा तर खेती के लिए किया जाता है, और रॉकेट ईंधन के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, पर जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से ये हमारे लिए घातक साबित हो सकती है, ये हमारे साँस के द्वारा शरीर में प्रवेश करती है और अस्थमा को बढ़ावा दे सकते है, ज्याद NO2 हमरे स्वास्त को  नुसकान पंहुचा सकती है, बुजुर्ग लोगो को इस गैस से ज्यादा खतरा रहता है क्योकि उनके फेफड़े इतने मजबूत नहीं होते और सांस की समस्या रहने की वजह से उनको हस्पताल में भी भर्ती करने की नौबत आ सकती है। 

NO2 और NOx वियु प्रदूषण का कारण बनते है, और ये हवा और पानी में मिलकर एसिड रेन का कारण भी बनते है. एसिड रेन हमारे शरीर के लिए काफी नुक्सान देह होती है जो हमारे लिए स्किन अलेर्जी जैसी समस्या पैदा करती है, अगर आप नहीं जानते तो आपको कभी भी एसिड रेन में नहीं नहाना चाहिए।  



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