transformer kya hai ? working & principle, components, advantages and disadvantages, applications in hindi

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transformer kya hai ? working & principle, components, advantages and disadvantages, applications in hindi


TRANSFORMER क्या होता है हम अपने काम को करने के लिए लाइट का इस्तेमाल करते है. फिर चाहे वो मोबाइल चार्ज करना हो या टीवी, फ्रीज़ को चलाना हो, सब मशीनों को बिजली की आवशकता पड़ती है पर आपने कभी इसके बारे में सोचा है के बिजली हमारे घरो तक कैसे पहुँचती है और ट्रांसफार्मर का क्या रोल होता है हम सबको पता है के बिजली को बनाना  और उसको सप्लाई करके लोगो के घरो तक पहुंचना बहुत बड़ा काम है पर क्या आपको ये पता है के बिजली कैसे बनती है और उसको सप्लाई करने के लिए किन किन चीजों का इस्तेमाल होता है।

TRANSFORMER क्या है ? 

Transformer एक static डिवाइस होता है जो हाई करंट को लौ करंट में बदलता है और  पावर को सप्लाई करता है और ये बहुत सारे पार्ट्स से मिलकर बना होता है बिजली को घरो तक पहुंचाने के लिए ट्रांसफार्मर का बहुत बड़ा हाथ है अगर इसका प्रयोग ना किया जाए तो बिजली को घरो में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योकि ट्रांसफार्मर ही है जो high voltage करंट को low voltage current में कन्वर्ट करता है ये एक main कड़ी होती है पावर प्लांट और घरो के बिच में। ट्रांसफार्मर ही लौ वोल्टेज बिजली हम तक पहुँचता है जो हमारे घरो की मशीनो को ख़राब होने से बच जाती है। इसमें बहुत से जरुरी पार्ट होते है एक एक करके हम इनके बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

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TRANSFORMER PRINCIPLE AND WORKING  :

ट्रांसफार्मर की वर्किंग और प्रिंसपल FARADAY 'S LAW OF ELECTROMAGNETIC INDUCTION AND MUTUAL INDUCTION के आधार पर काम करता है और इसमें दो इलेक्ट्रिक CIRCUTS एक MAGNETIC CIRCUTS से INTERLINKED होते है  फिर उनके बेच में इलेक्ट्रिक एनर्जी को ट्रांसफर किया जाता है। ट्रांसफार्मर में प्राइमरी वाइंडिंग इलेक्ट्रिक सोर्स से एनर्जी को रिसीव करती है और मेगनेटिक फ्लक्स में ट्रांसफर करती है, फ्लक्स से सेकेंडरी वाइंडिंग लिंक होती है जिससे उसके अंदर भी इलेक्ट्रिक पावर फ्लो करना शुरू हो जाती है।  

TRANSFORMER के MAIN PARTS :

MAIN TANK 

ये ट्रांसफार्मर का मैन पार्ट होता है एक तरीके से ये ट्रांसफार्मर की बॉडी होती है जिसके अंदर सारे काम होते है। main tank के अंदर बहुत सारा खली जगह होती है जिसमे winding और core को रखा जाता है इसके अंदर नेप्थ oil को डाला जाता है ताकि इसमें कोई जगह खली न रह जाए। अगर MAIN टैंक के अंदर खली जगह बच जाती हो तो इसमें EDDY करंट बन जाता है जो ट्रांसफार्मर की सप्लाई पावर को कम करता है।  

CORE

CORE एक SILICON STEEL के ब्लेड से बनी होती है, ये ब्लेड काफी पतले शेप में होते है और इनके ऊपर इंसुलेटर लैप लगाया जाता है ताकि करंट बाहर न जा पाए, इन पतले पतले ब्लेड को एक के ऊपर एक को रख कर एक मोटी कोर को बनाया जाता है और इसके ऊपर WINDING लिपटी होती है CORE का MAIN  काम होता है चैनल फ्लक्स तक मैग्नेटिक पाथ को प्रोवाइड करना और वाइंडिंग को होल्ड करना जिससे पावर सप्लाई हो सके  

WINDING

ट्रांसफार्मर में दो वाइंडिंग काइस्तेमाल होता है पहेली PRIMERY WINDING दूसरी SECONDARY WINDING, 

PRIMERY WINDING - ये वाइंडिंग कॉपर की COIL से बनी होती है जो SOURCE से आने वाले करंट को RECEIVE करती है। 

SECONDARY WINDING - ये वाइंडिंग प्रीमेरी वाइंडिंग से करंट को लेकर उसको हाई वोल्टेज से लौ वोल्टेज में कन्वर्ट होकर सेकेंडरी वाइंडिंग से डिलीवर हो जाती है। 

EXPANSION TANK 

ट्रांसफार्मर में एक्सपेंशन टैंक बहुत जरुरी होता है,  MAIN TANK दो मोठे पाइप से EXPANSION TANK के साथ जुड़ा रहता है इसका काम होता है OIL को कंट्रोल करना, ये आधा OIL से भरा होता है और ट्रांसफार्मर के ऊपर फिट होता है, जब ट्रांसफार्मर टैंक में हीट बढ़ जाती है तो उसके अंदर का OIL उबलकर ऊपर की और उठने लगता है, अब यहां पर  EXPANSION TANK, OIL को ऊपर उठने का स्पेस देता है।और जब MAIN TANK में आयल की कमी होती है तो उस कमी को पूरा भी करता है।   

BUSH

बुश का काम होता है हाई वोल्टेज करंट को लौ वोल्टेज में कन्वर्ट करना ये सोर्स से आने वाले करंट को कम करके उसका वोल्टेज को घटा देता है और फिर आगे सप्लाई कर देता है। घरो में इस्तेमाल होने वाली बिजली का वोल्टेज 220-440 V  होता है। 

BUCHHOLZ  RELAY

ये सेफ्टी डिवाइस होता है जो ट्रांसफार्मर में दिया जाता है इसका काम होता है के जब ट्रांसफार्मर में ज्यादा हीट बढ़ जाती है तो ये करंट की सप्लाई को बंद कर देता है इसके अंदर एक मरक्यूरी स्विच लगा होता है जो ट्रांफॉर्मर की हीट के बढ़ने से मरक्युरी ऊपर आ जात है और स्विच ऑफ हो जाता है जिससे करंट की सप्लाई बंद हो जाती है।  

BREATHER

BREATHER का काम नमी को सोखना होता है और ये एक्सपेंशन टैंक के साथ लगा होता है, एक्सपेंशन टैंक आधा आयल और आधा हवा से भरा होता है, यहा पर ब्राथर का काम होता है  नमी को सोख लेना ताकि आयल में नमि ना मिल सके. breather के अंदर silica gel भरा होता है जो नमी को सोख लेता है और इसी के आगे एक और डिवाइस लगा होता है जिसमे डस्ट सोखने वाला आयल भरा होता है जिससे साफ़ हवा टैंक में जाती है।  

EXPLOSER VALVE/VENT  

ये वाल्व पतले पाइप जैसा होता है, इस वाल्व का इस्तेमाल तब होता है जब BUCHHOLRY RELAY ख़राब हो जाता है उस कंडीशन में एक्सप्लोज़र वाल्व को इस्तेमाल किया जाता है ये MAIN TANK के ऊपर लगा होता है जब हीट बढ़ने से आयल ऊपर आने लगता है और MAIN TANK और EXPANSION TANK में स्पेस नहीं होता तब इस वाल्व की मदद से आयल बाहर निकल जाता है।  

RADIATOR & COOLING TUBE 

रेडियेटर एक COOLING DEVICE है जो पतली पतली पाइप से बना होता है जो MAIN TANK से जुडी होता है  जिसका काम ट्रांसफार्मर को ठंडा करना है जब आयल का टेम्प्रेचर बढ़ जाता है तो आयल रेडियेटर की पतली पाइप में आ जाता है और उसमे से बहुत ही पतली फॉर्म में नीचे गिरता है जिससे उसका तापमान कम हो जाता है और हवा की मदद से आयल का तापमान और कम हो जाता है और ये वापस मैन टैंक में चला जाता है।  


TRANSFORMER ADBVANTAGES 

  • ट्रांसफार्मर की वर्किंग बहुत है SIMLPE है 
  • पावर को ट्रांसमिट और डिस्ट्रीब्यूट कर सकता है 
  • LOW COST  होता है 
  • AREA के हिसाब से अलग अलग टाइप के ट्रांसफार्मर इस्तेमाल कर सकते है 
  • STATIC डिवाइस है, इधर उधर लेजाने का खर्चा नहीं होता है 
  • दोनों तरफ से कनेक्ट हो सकता है 
  • अलग अलग TAPS में उपलब्ध है 

TRANSFORMERS DISADVANTAGES 

  • COOLING की जरुरत पड़ती है 
  • ज्यादा हीट की वजह से आयल उड़ जाता है 
  • सिर्फ AC(ARITHMETIC CURRENT) में ही चल सकता है। 
  • काफी सरे LOSSES होते है। 
  • पावर QUAILITY LOW होती है 
  • ट्रांसफार्मर MAINTENANCE काफी ज्यादा होती है 

APPLICATIONS :

  • स्टील मैनुफैक्टरिंग 
  • बैटरी चार्जिंग 
  • एलेक्ट्रोकेमिकल्स 
  • two isolate electrically circuts के लिए  
  • रेक्टिफायर के लिए इस्तेमाल होता है 
  • पावर सप्लाई करने और वोल्टेज रेगुलेटर के लिए इस्तेमाल होता है 
  • AC को बढ़ाने या घटाने के लिए इस्तेमाल होता है 


 

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